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गर्भावस्था में न मिले पोषण तो बच्चे को हो सकती है ये गंभीर बीमारियाँ

सालानपुर  : प॰ बर्धमान जिले के सलानपुर ब्लॉक अंतर्गत अचड़ा ग्राम पंचयात में बुधवार को पोषक सप्ताह मनाया गया ।
सालानपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी तपन सरकार ने प्रदीप उज्वालित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
पौष्टिक दिवस के अवसर पर सभी आईसीडीएस कर्मी समेत क्षेत्र के छोटे छोटे स्कूली बच्चे सहित बच्चों की माएं भी उपस्थित थे ।

गर्भावस्था में पोषण है जरूरी

सालानपुर  सीडीपीओ मणिदीपा मांझी ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान पोषण बहुत जरूरी है।
अगर मां को सही पोषण न मिले तो होने वाले बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होती है।

जटिल बीमारियों से ग्रसित हो सकता है बच्चा

बच्चे के बड़े होने पर भी कई तरह की जटिल बीमारियां भी हो सकती हैं।
गर्भावस्था में मां को सही पोषण न मिला तो पैदा होने वाले बच्चे को डायबिटीज
और हार्ट से लेकर कई जटिल बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है।
बच्चे की सेहत गर्भावस्था और उसके बाद मां की सेहत पर निर्भर करती है।
इसके ऊपर विशेष ध्यान देने की जरुरत है।
सीडीपीओ  ने बताया कि शुक्रवार से पोषण सप्ताह शुरू हो चूका  है।
इसके तहत सभी  जच्चा-बच्चा के पोषण को लेकर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । आईसीडीएस सुपरवाइजर तपोति लाइक ने पौष्टिक दिवस के अवसर पर बताया कि
किस तरह हमारे घर के आस-पास साफ सफाई रखना चाहिए।
सब्जी बनाने से पहले ठीक से धोना चाहिए,

जन्म के एक-दो घंटे बाद से ही मां का दूध पिलाएँ

उन्होंने छोटे बच्चे के बारे में बताते हुए कहा की  जन्म के एक-दो घंटे बाद से ही मां का दूध पिलाना चाहिए।
इससे बच्चे का कर्इ रोग और संक्रमण से बचाव होता है।
उन्होंने बताया कि महिलाओं को नहाकर या सिर धोकर तुरंत बच्चों को दूध नहीं पिलाना चाहिए।
दूध पिलाने के बाद शिशु को कंधे से लगाकर रखें धीरे उसकी पीठ सहलाएं।
इससे उसके पेट की हवा डकार बनकर निकल जाती है।

इनसे मिलेगा पोषण

चुकंदर, अखरोट, टमाटर, अंकुरित अनाज, दूध, अंडे, मछली, पालक।

पोषक आहार के मुख्य तत्व

पोषक आहार के मुख्य तौर पर 6 तत्व होते हैं जैसे कि प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज एवं पानी।
यह सभी व्यक्तियों के जीवन, वृद्धि, शारीरिक प्रक्रिया एवं ऊतकों की मरम्मत के लिए आवश्यक हैं।

यह है संतुलित आहार

उचित अनुपात और निर्धारित मात्रा में सभी प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करने वाले आहार को संतुलित आहार कहा जाता है।
इसमें फल, सब्जियां, अनाज, जड़, सेम, दाल, मेवा एवं पशु उत्पाद शामिल हैं।
इसके अलावा माता के दूध में प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, आयरन, खनिज, पानी एवं एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होता है।
यह तत्व बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है।
यह भविष्य में बच्चे को कई तरह के संक्रामक रोगों से सुरक्षा भी प्रदान करते है।

जागरूकता नाटक का  मंचन किया गया

पौष्टिक सप्ताह कार्यक्रम में उपस्थित बच्चे एवं माएं

इस अवसर पर एक नाटक प्रदर्शित किया गया जहा नाटक के माध्यम से कैसे किस तरह माँ को अपने बच्चे के सेहत के बारे मे ध्यान दिया जा सके।
कुल 244 सेंटर को लेकर अलग अलग से अलग अलग स्थानों में पौष्टिक दिवस मनाया गया। ,

पौष्टिकता संबंधी प्रश्नोत्तरी भी आयोजित की गयी

इस पोस्टिक दिवस पर एक प्रश्न उत्तर का प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जहा स्थानीय महिलाओ को पोस्टिक के बारे में सवाल जवाब किया गया जिसमे सही उत्तर देने वालो को पुरस्कृत किया गया ।

कई गणमान्य लोग कार्यक्रम में उपस्थित हुये

मौके पर अचड़ा पंचयात  प्रधान सुचित्रा बाउरी , उपप्रधान होरेराम तिवारी , आईसीडीएस सुपरवाइसर जयश्री समाद्दार ,
कर्माध्यक्ष रानू राय ,सोमा माजी ,अनु घोष, रानू  माहतो ,सान्तना चक्रवर्ती , रूमा मंडल, समेत कई कर्मी उपस्थित थे ।
Last updated: अक्टूबर 11th, 2017 by kajal Mitra