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चार महीने की बच्ची लिए न्याय के लिए भटक रही महिला, पति ने धोखे से तलाक देकर किया बेघर

आसनसोल के हीरापुर थाना क्षेत्र की महिला प्रिया हेला ने पति और ससुराल वालों पर धोखे से तलाक देकर बेघर कर देने का आरोप लगाया है । महिला का चार महीने का बच्चा है और अब वह न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है ।

आसनसोल ह्यूमन राइट्स नामक संस्था महिला के मदद के लिए आगे आई है और महिला को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है । संस्था के प्रदेश अध्यक्ष डॉ० डीके साव को महिला ने अपनी पूरी घटना बताई है।

महिला ने बताया कि 14 साल की उम्र में ही हीरपुर के ही युवक आकाश हेला के साथ घर से भाग गयी थी । समाज के दबाव में 10 जुलाई 2016 को बर्नपुर ठाकुरबाड़ी मंदिर में हिन्दू रीति-रिवाज के साथ उनकी शादी हुई । महिला एक अनुसार शादी के बाद से ससुराल वाले उसे प्रताड़ित करते थे और दहेज की मांग करते थे ।

पति और ससुराल के प्रताड़णा से तंग आकर महिला ने फ़िनाइल पीकर आत्महत्या की भी कोशिश की थी । और ससुराल वालों ने उसे आसनसोल सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया । अस्पताल से छूटकर ससुराल वापस आने के बाद पुनः ससुराल वाले पुरानी प्रक्रिया अपनाने लगे। इसी दौरान वह गर्भवती हो गयी । महिला का आरोप है कि गर्भ के दौरान भी उन्हें काफी प्रताड़ित किया गया और ठीक से खाना भी नहीं दिया जाता था । आकाश हेला ने पीड़िता को मार-पीट करते हुये पीड़िता और पीड़िता के माता-पिता को कत्ल कर देने की धमकी देते हुये घर में तलाक के कागजातों पर जबरन साईन और न्यायालय में “स्वेच्छा पूर्वक विवाह विच्छेद” बोलने पर विवश किये। उसके बाद महिला को मायके पहुँचा दिया जहाँ 23 जनवरी 2019 को महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन उसका पति अब बच्चे को ही अपनाने से इन्कार कर रहा है ।

पीड़िता के बयान के अनुसार वह 14 साल के उम्र में ही उसकी शादी हुई थी । उस हिसाब से वह अब भी नाबालिग ही है। इस उम्र में पढे लिखे युवाओं को तो तलाक के कानूनी प्रक्रिया की समझ कम होती है तो फिर एक कम पढ़ी लिखी युवती को कितनी समझ होगी । तलाक के बाद गुजारे भत्ते का प्रावधान होता है और नाबालिग बच्चे के भरण-पोषण की ज़िम्मेदारी भी पिता की ही होती है ।

यदि कोर्ट में तलाक हुआ है तो संभवतः इस बात का संज्ञान नहीं लिया गया कि महिला की आर्थिक और मानसिक स्थिति क्या है , तलाक के बाद वह अपना स्वतंत्र जीवन जीने में सक्षम है या नहीं ।

फौरी तौर पर देखने से तो यही लगता है कि युवति के साथ अन्याय हुआ है । इस मामले में सक्षम विभागों को स्वतः संज्ञान लेकर महिला को न्याय दिलाया जाना चाहिए।

अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसियेशन द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, महामहिम राज्यपाल महोदय, पुलिस आयुक्त से पीड़िता को न्याय दिलाने की गुहार लगाई है ।

Last updated: अगस्त 23rd, 2019 by News Desk Monday Morning