सीबीआई छापेमारी के एक महीने बाद ओसीपी खोलने की प्रक्रिया शुरू, अभी भी अधिकारीगण दहशत में
रानीगंज। पिछले एक महीने से सीबीआई के छापामारी के पश्चात बंद नॉर्थ सियारसोल कोलियरी ओसीपी को पुनः खोलने की कवायद शुरू की गई है। पिछले आठ दिसंबर 2020 को सीबीआई ने जाँच पड़ताल कर बंद कर दिया था ।सूत्रों के मुताबिक कोयला माफिया लाला उर्फ अनूप मांझी के गुर्द यहाँ से करोड़ों रुपए का कोयले का हेरा फेरी ईसीएल के अधिकारी ,सुरक्षाकर्मी के मिलीभगत से किया करता था। यही वजह रहा कि इस इलाके के कई महाप्रबंधक को भी सीबीआई टीम ने अपने जाँच प्रक्रिया के अंतर्गत रखा और उनसे पूछताछ की।
कस्तूरिया एरिया के तहत चलने वाली नॉर्थ सियारसोल कोलियरी को दो भागों में बाँटी गई है। फेज 3 को क़ानूस्टोरिया एरिया प्रबंधन के अंतर्गत चलाई जाती है। प्रत्येक दिन यहाँ 500 टन कोयले का लक्ष्य निर्धारित है। वहीं दूसरी तरफ फेज चार है जिसे आउटसोर्सिंग के तहत ज्योति ट्रांसपोर्ट कंपनी को दी गई है ,2000 टन का लक्ष्य यहाँ है। आरोप प्रत्येक दिन करोड़ों रुपए का कोयले का हेरा फेरी यहाँ लंबे समय से हो रही थी। इस पर सीबीआई ने जाँच पड़ताल करते हुए 8 दिसंबर को सील कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक यहाँ से उत्पादित कोयले का हेरा फेरी करने में बहुत ही आसान प्रक्रिया थी क्योंकि यहाँ से मात्र चार-पाँच किलोमीटर के अंतर्गत कोयला पर आधारित बड़े-बड़े उद्योग स्थापित है ।उनका पिछले द्वार का रास्ता इनके लिए खुला होता था ।यह सब जाँच दल ने रडार के माध्यम से ही देखा और एकाएक सीबीआई के टीम ने लाला सहित इलाके में छापामारी अभियान शुरू कर दिया। सूत्रों का कहना है कि आज भी इन बड़े फैक्ट्रियों के मालिक भूमिगत होकर रह रहे हैं।
ईसीएल सूत्रों के मुताबिक आउटसोर्सिंग के तहत बंद ज्योति ट्रांसपोर्ट कंपनी ने इच्छा जताते हुए अपना प्रस्ताव दी है । यहाँ से उत्पादन करने जा रही है ,हालांकि ज्योति ट्रांसपोर्ट कंपनी ने इस बार यहाँ नए ठेकेदार सत्यम इंट्राफ्राष्ट्रक्चर को काम सौंपा है। पिछले एक महीने तक बिरानी में तब्दील यह स्थलपर फिर से चहल पहल देखी जा रही है। एरिया के अधिकारी एवं कर्मियों में एक बार उम्मीद जगी है कि यह एरिया फिर से अपने पुराने गुणवत्ता, उत्पादन ,सुरक्षा के मद्देनजर आगे बढ़ेगी। ईसीएल अधिकारियों की ओर से नॉर्थ सियरशोल कोलियरी को खोले जाने को लेकर कुछ भी अधिकारिक तौर पर कहने से इनकार करते हैं। टनकपुर या एरिया के महाप्रबंधक मुख्यालय गए हुए थे लेकिन यहाँ कार्यरत एक वित्तीय अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मैं विशेष कुछ नहीं कहना चाहता लेकिन मुझे दुःख इस बात की है कि ऐसे मामले में इस एरिया को कलंक लग गया ।जिसे धोने में बहुत समय लगेगी। मैं इसी माह के अंत में अवकाश ग्रहण कर लूंगा । लेकिन दुःखद घड़ी है। ईसीएल मुख्यालय के सीएमडी सेक्रेटरी आनदर्री रॉय से कई दफा संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनकी तरफ से किसी भी प्रकार का का जवाब नहीं मिला। पीआरओ विभाग ऐसे मामले में कुछ भी कहने से इनकार करते हैं। और सीधे तौर पर सचिवालय से बात करने को कहते हैं ।
ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के तहत चलने वाली कनुस्तूरिया एरिया का अपना एक सुनाम रहा है । ।लेकिन इस प्रकार से इतने बड़े पैमाने पर ईसीएल का उत्पादित कोयले का हेराफेरी का मामला प्रथम बार प्रकाश में आई है। जिसमें 70 ट्रक कोयले का प्रतेक दिन हेरा फेरी का मामला उठा है। हालांकि सीबीआई के टीम नियमित जाँच पड़ताल कर रही है ।पिछले पखवारा भी जामुड़िया और रानीगंज के कई कोयला माफियाओं के अड्डे पर छापामारी की थी।
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