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पुलिस की अथक प्रयास से बोकारो से गुमशुदा मंगला देवी लौटी घर

अपने घर में अपने बच्चों के साथ महिला

एक गुमशुदा महिला को उसके परिवार से मिलाकर एक बार फिर कल्याणेश्वरी पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश कर दी है। बीते 4 सितंबर को कल्याणेश्वरी पुलिस ने बथानबाड़ी मैथन डैम के किनारे से एक महिला को बरामद किया था।

मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला अपने बारे में पूरी जानकारी नहीं दे पा रही थी

52 वर्षीय महिला का ना कोई नाम ना कोई पता, मानसिक रूप से बीमार महिला कुछ भी बोल पाने में असमर्थ थी। ग्रामीणों की सहयोग से कल्याणेश्वरी पुलिस ने महिला की जान बचाने में सफलता पाई। घटना की सूचना वरीय अधिकारियों को दी गई। पुलिस ने महिला को नए वस्त्र दिए और आसनसोल स्थित मिशनरी ऑफ चेरिटी मदर टेरेसा हाउस रख दिया। पुलिस की देख रेख में महिला की चिकित्सा की गयी ।

कल्याणेश्वरी फांड़ी प्रभारी अमरनाथ दास ने बताया कि चिकित्सा के बाद महिला की हालत में काफी सुधार हुआ जिसके बाद महिला ने अपना नाम मंगला देवी बताया। टूटी फूटी एड्रेस के सहारे महिला की परिजनों की तलाश की जाने लगी।

सोशल मीडिया और पुलिस की तत्परता से महिला अपने घर पहुँच सकी

इसी बीच सोशल मीडिया पर भी महिला की तस्वीर डाला गया और लोगों से इस महिला के बारे में कुछ जानते हैं तो बताने का आग्रह किया गया । पुलिस को केवल इतनी जानकारी मिल पाई थी कि महिला झारखंड के बोकारो के पास चास या सिंदरी की हो सकती है।

आधे-अधूरे पते के साथ गुरुवार को कल्याणेश्वरी एसआई कल्याण नस्कर एवं पुलिस की टीम मंगला देवी को लेकर उनका घर पहुँचाने के लिए निकले थे।

महिला के गाँव वाले पुलिस की ऐसी भूमिका देख हतप्रभ थे

पुलिस अभी रास्ते में ही थी इसी बीच उन्हें एक फोन आया कि जिस महिला की फोटो सोशल मीडिया में डाली गयी है उसका वह भांजा है। उसके बाद पूरा पता लेकर पुलिस की टीम ने महिला को बोकारो जिला के चंदनक्यारी थाना अंतर्गत आदराकुड़ी गाँव में उसके घर पहुँचा दिया। महिला की पाँच बेटी और पति राधू महतों , घर पर मंगल देवी की राह देख रहे थे। घर पहुँचते ही पाँचों बेटियाँ माँ से लिपटकर रोने लगी।

घर पहुँचे मंगल को देखने पूरा गाँव उमड़ पड़ा था। लोग पहली बार पुलिस के इस रूप को देखकर आश्चर्य चकित थे और उनके सराहनीय कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे थे। मंगला के पति राधू महतों ने बताया कि गाँव की पगडण्डी पर बैठकर सब्जी बेचने का कार्य करते है। परिवार का बड़ी ही कठिनाई से पालन पोषण करते है।मंगला का मानसिक अवस्था बहुत दिनों से खराब है। वह रोज दवा लेती है। वे गाँव से मैथन डैम कैसे पहुँची मालूम नहीं ।

गुमशुदगी की कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज होने के कारण हुई अधिक परेशानी

पुलिस ने बताया कि परिवार ने स्थानीय थाना में किसी भी प्रकार की गुमशुदगी का मामला तक दर्ज नहीं किया था। जिस कारण परिजनों को ढूढने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा।

Last updated: सितम्बर 19th, 2019 by Guljar Khan