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दामोदर घाटी निगम की 71वें स्थापना दिवस पर मैथन में कार्यक्रम आयोजित

डीवीसी मैथन स्थित शहीद मीनार पर पुष्प अर्पित करते अधिकारी

कल्याणेश्वरी| दामोदर घाटी निगम की 71वीं स्थापना दिवस पर शनिवार को मैथन इकाई द्वारा क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया गया| कार्यक्रम के पूर्व परियोजना सभी अधिकारियों ने मैथन डैम स्थित शहीद मीनार पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए 2 मिनट का मौन रखा| मौके पर परियोजना वरीय अभियंता एस बी बनर्जी ने कहा कि मैथन हाईडल भूमिगत विद्युत जल संयंत्र निर्माण में परियोजना के दर्जनों कर्मियों ने अपने प्राण की आहुति दी है, जिन्हें डीवीसी परिवार शहीद की सम्मान देती है| फलस्वरूप आज परियोजना के 71वे जन्मदिन पर सबसे पहले उन शहीदों सम्मान किया जा रहा है, जिसकी निष्ठा से परियोजना की नींव रखी गयी| पुष्पांजलि अर्पित के बाद मैथन प्रशासनिक भवन अंतर्गत रामानुज भवन स्थित परियोजना की ध्वजारोहण किया गया साथ ही अन्य कार्यक्रम आयोजित किया गया| स्थापना दिवस के मौके पर प्रबंधन द्वारा सभी कार्यालय को जगमगाते लाइट तथा फूल से सज्जित किया गया है| मौके पर एन सी पॉल, एस गस्तीदार, बी के यादव, एस सी सिन्हा, मुख्य सूचना जनसंपर्क अधिकारी एम् विजय कुमार उपस्थित थे|

46.5 बिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य-ए पी सिंह

कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारीगण

कल्याणेश्वरी| दामोदर घाटी निगम तीव्र गति से आगे बढ़ती जा रही है| परियोजना के प्रति समर्पित अधिकारियों और कर्मियों ने विषम परिस्थितियों में भी परियोजना के लिए दिन रात परिश्रम कर आज डी भी सी को पुनः नयी ऊंचाई तक पहुँचाई है| उक्त बातें मैथन उप महाप्रबंधक(प्रशासनिक) ए पी सिंह ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में कही उन्होंने कहा कि 46.5 बिलियन यूनिट विद्युत उत्पाद करने का लक्ष्य पूरे परियोजना पर है| जिससे हर हाल में पूरा किया जायेगा उन्होंने कहा कि दामोदर घाटी निगम परियोजना तेजी से ग्रोथ कर रही है| चुकी आज परियोजना के जन्मदिवस पर हम सभी निगम परिवार परियोजना के प्रति दायित्व निर्वहन करने का संकल्प लेते है| उन्होंने कहा कि मैथन परियोजना के दोनों क्षेत्र झारखण्ड तथा बंगाल इलाकों में निरंतर सी एस आर स्कीम से सड़क, सामुदायिक भवन, पेय जल आदि की व्यवस्था की जा रही है| जिससे प्रबंधन को भी निरंतर आम जनता की सहयोग प्राप्त हो रही है| उन्होंने कहा कि आस-पास के लोगों को भी परियोजना को सुन्दर और साफ सुथरी रखने में सहयोग करनी होगी जिससे पर्यावरण को भी अनुकूल बनायीं जा सके|

Last updated: जुलाई 8th, 2018 by Guljar Khan