Site icon Monday Morning News Network

शांति सन्देश लिए महाराष्ट्र का 6 दिवसीय यात्रा संपन्न कर कोलकाता लौटे शमीम अहमद

कोलकाता में फूल मालाओं से स्वागत हुआ शमीम अहमद का

कोलकाता में फूल मालाओं से स्वागत हुआ शमीम अहमद का

जनता है देश के धरोहर की प्रहरी : शमीम अहमद

कोलकाता (प्रेस विज्ञप्ति) देश के विकास के लिए राष्ट्रीय एवं सांप्रदायिक एकता को अभिन्न अंग बताने वाले नेता शमीम अहमद इस की राष्ट्रव्यापी आंदोलन चला रहे हैं। हाल के दिनों मैं महाराष्ट्र के लाटूर, उस्मानबाद , शोलापुर, कोल्हापुर, शांगली, नांदेड़ एवं उजनी का अपना 6 दिवसीय दौरा पूरा करके कोलकाता लौटने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनता का बहुमत सांप्रदायिकता के विरुद्ध है, उन्होंने अपनी यात्रा में इस का समीक्षा किया और पाया कि मुसलमानों के विरुद्ध चलाई जाने वाली घृणित अभियान का भारत की आम जनता पर कोई असर नहीं पड़ा है बल्कि उन्होंने इन जिलों में हिन्दू और मुसलमानों को जीवन के सभी आयाम में एक साथ देखा और महसूस किया, देश के हिंदुओं और मुसलमानों को इस देश की गंगा जमुनी संस्कृति से प्यार है और वह हर घिनौने आंदोलन और अभियान को अपनी प्रतिबद्धता और हौसले से धूल चटाने के लिए तैयार रहते हैं।

अमन पसंद है भारत की जनता

क़ाएद ऐ उर्दू शमीम अहमद ने कहा कि भारत की जनता मस्जिद, मंदिर और जाति के नाम पर गुमराह करने वाले नेताओं को पसंद नहीं करती है परन्तु मजबूरी यह है कि वोट की राजनीति करने वाले लोगों के विरुद्ध स्वच्छ सोच और देश एवं जनता के विकास की प्रतिबद्धता लेकर कोई ऐसी निस्वार्थ नेतृत्व आगे नहीं बढ़ती है जो आम जनता के आकांक्षाओं को पूरा कर सके। प्रत्येक नेता को सत्ता का लोभ है, देश की धरती पर देश के सपूतों का लहू बहा कर वह अपनी सत्ता की इस ललक को पूरा करता है।

श्री शमीम अहमद ने कहा कि महाराष्ट्र के उन सभी जिलों में उनके शांति संदेश का आम जनता ने भरपूर स्वागत किया एवं इस संदेश को ज़मीनी स्तर पर फैलाने के लिए उनके साथ कदम से कदम मिलाकर दूरदराज गांवों तक पहुंचे। उन्होंने बताया उनके इस दौरे का शुभ आरम्भ महाराष्ट्र के लाटूर जिला से हुआ उसके बाद विभिन्न जिलों में मानवाधिकार संरक्षण एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने लगभग 25 जनसभाएं आयोजित कीं जिसमें  प्रत्येक धर्म के लोग सम्मिलित हुए एवं निसंदेह धर्म से ऊपर उठकर उनके शांति संदेश का स्वागत किया गया।  इन ज़िलों में  सभाओं का आयोजन महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार संरक्षण एसोसिएशन के सीनियर सदस्य शेख विलायत अली, लातोड़ मानव अधिकार के अध्यक्ष आज़ीम पठान, सिराज पाटिल एवं सवाननद मोरे, गोविंद यादव, अरविंद कुलकर्णी , अविनाश कदम और श्रीमती सोनिया मनीषा कुलकर्णी ने किया।

ताजमहल का रक्षक देश कि जनता है


शमीम अहमद ने बताया कि ताजमहल की राजनीति करने वालों को महाराष्ट्र की जनता ने करारा जवाब देते हुए कहा कि ताजमहल, लाल क़िला, क़ुतुब मीनार एवं देश के सभी ऐतिहासिक धरोहर भारत के हैं और उसके रक्षक और प्रहरी भारत की जनता है, जो किसी पार्टी और नेता को इस के नाम पर राजनीति करने की अनुमति नहीं दे सकती है ये धरोहर अंतर्निहित एवं भारत की महानता का प्रतीक हैं ।

अपने यात्रा की पृष्टभूमि बताते हुए कहा कि बंगाल में उर्दू आंदोलन की व्यापक सफलता के बाद उन्होंने भारत वर्ष को सांप्रदायिकता के तूफान से बचाने के लिए हिन्दू पंडितों , मुसलमान उलेमा, ईसाई और बौद्ध धर्म के गुरुओं की महापंचायत पिछले साल 29 नवंबर को मानवाधिकार संरक्षण एसोसिएशन के बैनर तले कोलकाता में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बुलाई थी और उसी पंचायत में यह प्रतिबद्धता किया  था कि  वह इस आंदोलन को राष्ट्रव्यापी पैमाने पर चलाएंगे।  इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बिहार, आसाम, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ के बाद महाराष्ट्र का दौरा किया वहां महापंचायत के गठन के साथ-साथ वहां की धरती पर राष्ट्रीय एकता का बीज रोपण किया ।

बेरोजगारी है देश कि पहली समस्या

उन्होंने कहा कि आज देश के युवा बेरोजगार हैं इस बेरोजगारी के गर्भ से भूख और अपराध जन्म ले रहे हैं उसे रोकना है तो हमें रचनात्मक राजनीति की ओर कदम बढ़ाना होगा, सांप्रदायिकता और जोड़तोड़ की राजनीति पर मिट्टी डालते गरीबी और बेरोजगारी से हमें देश के लोगों को बचने के लिए आगे आना होगा, इस के लिए सड़क से सदन तक आवाज़ उठानी होगी। जनता यह अच्छी तरह समझती है कि उनके दुखों का उपचार, वाई-फाई और हाई-फाई घोषणाएं नहीं, धर्म के नाम पर लड़ाई दंगे नहीं, जमीनी स्तर पर काम करने से होगा और श्मीम अहमद की नेतृत्व में मानवाधिकार संरक्षण एसोसिएशन अपनी इस मिशन पूरा करने के लिए नंगे पाँव चल रहा है।

Last updated: नवम्बर 6th, 2017 by News Desk Monday Morning