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पुष्पा भालोटिया हत्याकांड : पुलिस बताये यदि आत्महत्या है तो कैसे ?

रानीगंज: शिल्पांचल समेत झारखण्ड से लेकर बंगाल तक अपनी पहुँच रखने वाले नामचीन उद्योगपति – व्यवसायी भक्तिराम भालोटिया के घर बीते दिनों हुई उनकी पुत्रवधु पुष्पा भालोटिया की रहस्यमय मौत ने पूरे शिल्पांचल को सकते में डाल दिया है।
सर पर गोली और अधजली लाश , लाश के पास से मिली बन्दुक और सुसाइड नोट ने इस गुत्थी को उलझाने की हर संभव कोशिश की है.

किंतु मृतिका पुष्पा के मायके वालों की हत्या की आशंका इस अंधियारी गुफा में एक रौशनी की किरण डालती है

शुक्रवार को आसनसोल स्थित पश्चिम बर्दवान जिला अस्पताल में पुष्पा के अंत्यपरीक्षण के दौरान परिजनों ने मिडिया का ध्यान हत्या की और आकर्षित किया था। परिजनों के अनुसार पुष्पा साहसी के साथ साथ परिवार लाडली भी थी।

1995 में भक्तिराम भालोटिया के पुत्र मनोज भालोटिया से पुष्पा का विवाह संपन्न हुआ था

पुष्पा भालोटिया , मनोज भालोटिया एवं उनके माता-पिता

दो उद्योगपति घरानों हुई रिश्तेदारी में कोई कसर बाकी नहीं थी। वक्त बीतने के साथ पुष्पा के दो संतान हुए , दोनों पुत्र पुत्री ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा ग्रहण कर रहे है।माँ की मौत की खबर पाकर दोनों बच्चे घर लौट आये है,किन्तु इस रहस्यमय मौत ने नन्हे आँखों में कई सवालों जन्म दे दिया है। शायद ही किसी के पास उनके सवालों के जवाब है।

पुलिसिया जाँच की बाट जोह रही है लोग

घर पर लगी सी सी टी भी कैमरा, अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट समेत जप्त रिवाल्वर की निचोड़ से आसनसोल दुर्गापुर पुलिस के ए सी पी (डी डी) जय टुडू इस रहस्यमयी गुत्थी सुलझाने को जद्दोजहद में लगे है। हालांकि मृतिका पुष्पा के मायके वालों की तरफ से अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है।
इस संदर्भ में परिजन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना के बाद से ही मृतिका पुष्पा के वृद्ध माता पिता की तबियत काफी ख़राब बतायी जा रही है। उन्हें अब् तक विश्वाश नहीं है कि पुष्पा अब् इस दुनिया में नहीं रही।

हंसमुख और मिलनसार थी पुष्पा

इधर करीबियों की माने तो विवाह के कुछ दिन बाद से ही पुष्पा और उसके पति मनोज भालोटिया के रिश्ते में काफी खटास आ चुकी थी। परिजनों की माने तो पुष्पा को लगातार मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता था। इसके बावजूद भी पुष्पा अपने मायके वालों से हंस कर मिलती थी। उनके लिए बुटीक के कपडे बनाने वाले एक व्यवसायी ने मंडे मॉर्निंग को बताया कि पुष्पा जी बहुत अच्छी महिला थी. वे हमेशा मदद के लिए तैयार रहती थी.

सुनियोजित हत्या हो सकती है

लाश को पोस्ट पार्टम के लिए ले जाते लोग

रानीगंज आई अस्पताल स्थित भक्तिराम भालोटिया आवास में अक्सर पुष्पा अकेली ही रहती थी, अकेलापन ने मानसिक प्रताड़ना को और भी प्रबल बना दिया था। परिजनों की माने तो यह एक सुनियोजित हत्या है। अथवा आत्महत्या के लिए प्रेरित करना भी हत्या ही है। फलस्वरूप सुख सुविधाओं से परिपूर्ण परिवार में सनसनीखेज रहस्यमय मौत ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।

यदि आत्महत्या है तो कैसे ?

यदि एक वक्त के लिए मान लें कि पुष्पा भालोटिया ने आत्महत्या की है तो फिर यह एक यक्ष प्रश्न है कि ये कारनामा आखिर उन्होंने किया कैसे ? जब उन्होंने खुद को गोली मार ली तो फिर आग कैसे लगा सकती है और जब आग लगा ली तो फिर खुद को गोली कैसे मार सकती है ?

और सबसे आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े औद्योगिक घराने के सदस्य की मौत हुयी है और किसी भी पक्ष की और से अब तक रानीगंज थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. जांच के नाम पर पुलिस की ख़ामोशी भी लोगों में बेचैनी को बढ़ा रही है.

पुरे प्रकरण में पुलिसिया अनुसन्धान की अंतिम रिपोर्ट पर परिजनों समेत पूरे पश्चिम बंगाल की निगाह टिकी हुई है।
यह पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था और पुलिस की निष्पक्षता के लिए भी परीक्षा की घड़ी है .

Last updated: अक्टूबर 9th, 2017 by Pankaj Chandravancee