पत्रकारों पर हो रहे हमले पर प्रेस क्लब ने प्रधान मंत्री को जताया विरोध , मिला ये जवाब

प्रेस क्लब का प्रयास हुआ सार्थक,प्रधानमंत्री कार्यालय हुआ सक्रिय

प्रेस क्लब ऑफ़ आसनसोल मेगासिटी के महासचिव संजय सिन्हा
प्रेस क्लब ऑफ़ आसनसोल मेगासिटी के महासचिव संजय सिन्हा

पत्रकारों को मिले सुविधा और पर्याप्त सुरक्षा-संजय सिन्हा

देश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमले और उनकी नृशंस हत्या को लेकर प्रेस क्लब ऑफ़ आसनसोल मेगासिटी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को  लिखे गए पत्र पर कार्रवाई शुरू हो गई है. शुक्रवार को देर शाम आसनसोल स्थित प्रेस क्लब के कार्यालय को प्रधानमंत्री दफ्तर का एक पत्र प्राप्त हुआ,जिसमें जानकारी दी गई है कि बंगलुरु में हुई वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की नृशंस हत्या पर कार्रवाई शुरू हो गई है.
इस सन्दर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय ने कर्णाटक सरकार के मुख्य सचिव को एक पत्र भी लिखा है.
यह जानकारी प्रेस क्लब ऑफ़ आसनसोल मेगासिटी के महासचिव संजय सिन्हा ने दी. उन्होंने बताया कि प्रेस क्लब के अनुरोध पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री कार्यालय के सेक्शन ऑफिसर द्वारा भेजे गए पत्र में साफ़ तौर पर इसका उल्लेख किया गया है.

गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में लिखी गयी थी चिट्ठी

प्रधान मंत्री से प्राप्त जवाबी चिट्ठी
प्रधान मंत्री से प्राप्त जवाबी चिट्ठी

प्रेस क्लब की ओर से प्रधानमत्री को एक पत्र सात सितम्बर को लिखा गया था.इससे ठीक पहले बंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कर दी गई थी. संजय सिन्हा ने बताया कि पश्चिम बंगाल,पंजाब,त्रिपुरा आदि स्थानों पर भी पत्रकारों की नृशंस हत्या की गई है, जो कानून-व्यवस्था की सहज ही पोल खोलती है, लिहाजा उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुरोध किया है कि देश भर के श्रमजीवी पत्रकारों की सुविधा बढ़ाई जाए और उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाए ताकि पत्रकारगण पूरी बेबाकी और निडर भाव से काम कर सकें.

उन्हें असामाजिक तत्वों से अगर कोई धमकी मिलती है तो उसपर त्वरित तौर पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. संजय सिन्हा ने बताया कि उनकी प्रधानमंत्री कार्यालय से फ़ोन पर भी इस बाबत बात हुई है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले पर गंभीरता से विचार करने का संकेत दिया है.

पत्रकारों पर हमले जारी हैं

कर्नाटक में गौरी लंकेश की हत्या के ठीक दो दिन बाद बिहार में एक राष्ट्रीय अखबार के पत्रकार पंकज मिश्रा की हत्या कर दी गयी.

20 सितम्बर को त्रिपुरा में शांतनु भौमिक नाम के एक स्थानीय पत्रकार की बुरी तरह से पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी.

एक अनुमान के मुताबिक़ वर्ष 2015 से लेकर अब तक भारत में पत्रकारों पर हमले के करीब 142 मामले सामने आ चुके हैं.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1992 से लेकर वर्ष 2016 तक 70 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है. उनमें से ज्यादातर स्वतंत्र पत्रकार थे और उनकी हत्या उनके घर या कार्यालय के अस-पास की गयी.

सिन्हा ने बताया कि ऐसे पत्रकारों को सहायता मिलनी चाहिए जो पूर्ण पत्रकार हों,क्योंकि बहुत सारे ऐसे लोग भी इस पेशे में आ गए हैं जो महज़ प्रेस को बेज़ा इस्तेमाल करते हैं. संजय सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से वह लगातार संपर्क में बने रहेंगे और इस मुद्दे पर उनका दबाव बना रहेगा, क्योंकि इन घटनाओं से देश भर के पत्रकारों में एक दहशत -सी भी है कि अगर सच्चाई लिखेंगे तो उनकी जान पर भी खतरा आ सकता है,इसलिए उन्हें कई जगह समझौते करने पड़ते हैं,जो लोकतंत्र के लिए नुकसानदायक है.संजय सिन्हा ने प्रधानमंत्री कार्यालय को इस कार्रवाई के लिए धन्यवाद् भी दिया है.

Last updated: अक्टूबर 11th, 2017 by Pankaj Chandravancee

Pankaj Chandravancee
Chief Editor (Monday Morning)
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