लोयाबाद सिंजुआ क्षेत्र के कनकनी कोलियरी को छह महीने में भी रेलवे से एनओसी नहीं मिल सका। यही वहज है कि यहाँ संचालित आउटसोर्सिंग हिलटॉप राइज कम्पनी के करीब 300 मजदूर बेरोजगार हो चुका है। कम्पनी का उत्पादन छह महीने से बन्द है। कम्पनी नोवर्क नो पर का नोटिस लटका दिया है।फिर भी कम्पनी का रोजाना तीन लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीसीसीएल के अधिकारी हर समय एक महीने का मोहलत की मांग कर समय टालते जा रहा है। इधर कनकनी का उत्पादन बन्द होने से कोलियरी के 125 में पावर श्रमिकों का महीने का सात करोड़ रुपये का भुगतान भी लॉस जा रहा है।अगर आउटसोर्सिंग कम्पनी चालू रहती तो बीसीसीएल के मजदूर भी वर्क में एडजस्टमेंट होता। चूंकि ब्लाष्टिंग करने में बीसीसीएल के मजदूर ब्लाष्टिंग की जिम्मेदारी निभाते है।
दस लाख टन कोयले का उत्पादन बाकी
जानकरों ने कहा कि कम्पनी एक साल काम किया है। अब भी दस लाख टन कोयला निकलना बाकी है। जिसमें दो साल का समय लगेगा। यहाँ वासरी टू ग्रेड का कोयले का भंडार है।जो करोड़ों में है।
आउटसोर्सिंग कम्पनी के जीएम अंजय सिंह ने कहा कि एक महीने कहकर छह महीने बीत गया।कम्पनी की आज बहुत मशीन कैम्प में खड़ी है।जिसके रखरखाव मेन्टेन्स और सुरक्षा में तीन लाख रोजाना का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
क्या है मामला
हिलटॉप राइज आउटसोर्सिंग कम्पनी को यहाँ बी पैच के लिए तीन साल का परियोजना चलाने का टेंडर मिला। एक साल काम करने के बाद कम्पनी पूरी जमीन नहीं मिली काम बन्द कर दिया गया। कम्पनी को दो साल और काम करना बाकी है। छह एकड़ जमीन में काम करने के लिए बीसीसीएल को रेलवे से एनओसी की जरूरत है। यही वजह है कि काम बन्द करना पड़ा है।
37 करोड़ है बकाया
बीसीसीएल अधिकारी की माने तो बीसीसीएल से रेलवे 37 करोड़ बकाए की मांग कर रहा है। बीसीसीएल कुछ रकम रेलवे को चुकाया भी है। लेकिन फिर भी मामला अटका हुआ है।
कनकनी कोलियरी में कोई बकाया नहीं है
कनकनी के परियोजना पदाधिकारी वीके झा ने कहा कि कनकनी कोलियरी का रेलवे का कोई बकाया नहीं है। 37 करोड़ पूरे बीसीसीएल के विभिन्न कोलियरियों का है। इसमें कुछ रकम रेलवे को पर भी किया गया है।
सलटाने का प्रयास किया जा रहा है:-जीएम
रेलवे से रकम को लेकर जो विवाद है। उसे सलटाने का प्रयास किया जा रहा है। बहुत जल्द उत्पादन चालू होगा। पीके दूबे जीएम सिंजुआ एरिया।