सांकतोड़िया :- सोमवार को श्रमिक संगठन भारतीय मजदुर संघ के बैनर तले ईसीएल मुख्यालय सांकतोड़ीया गेट के समक्ष 14 सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए भारत के प्रधानमंत्री को ईसीएल सीएमडी के माध्यम से ज्ञापन सौपा गया.
ईसीएल के माध्यम से प्रधान मंत्री को दिया ज्ञापन
इससे पूर्व सांकतोड़िया ग्राउंड से एक विशाल रैली निकाली गयी. जो ईसीएल मुख्यालय के समीप आकर सभा में तब्दील हो गयी. यहीं से श्रमिको के विशाल समूह को संबोधित किया गया और एक प्रतिनिधि मंडल ने ईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबन्ध निदेशक को ज्ञापन सौपा. मौके पर मुख्य रूप से जेबीसीसीआई सदस्य वा उपाध्यक्ष तापस घोष, एबीकेएमएस सचिव रवीकान्त सिंह, केएससी (बीएमएस) महामंत्री धनंजय पाण्डेय, अध्यक्ष नरेंदर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष उज्जल मुखर्जी, संथाल परगना कर्मचारी संघ के महामंत्री अंगद उपाध्याय, अशोक कुमार, धीरज गिरी, राजन बाल, मनोज कुमार, चम्पक माजी समेत सैकड़ो तादाद में भारतीय मजदुर संघ के कार्यकर्ता उपस्थित थे.
केंद्र सरकार अपना रही श्रमिक विरोधी नीति , 17 नवंबर को दिल्ली में होगी विरोध सभा
इस मौके पर बीएमएस के महामंत्री धंनजय पाण्डेय ने बताया कि आगामी 17 नवम्बर को दिल्ली में होने वाले विरोध सभा को सफल बनाने के लिए भारतीय मजदुर संघ कि ओर से 14 सूत्री मांगों को लेकर आज ईसीएल मुख्यालय गेट के समक्ष भारतीय मजदुर संघ के द्वारा लिखित ज्ञापन भारत के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी जी को ईसीएल के सीएमडी के माध्यम से दिया गया. जिसमें 3 सूत्री मांग में निति आयोग का पुनर्गठन, सामान कार्य के लिए समान वेतन, उद्यमों का विनिवेशीकरण पर रोक लगाने आदि समेत ईसीएल श्रमिको के विभिन्न समस्याओ पर मांग रखी गयी है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार श्रमिक विरोधी नीतिया अपना रहा है और इसी का विरोध करते हुए आगामी माह दिल्ली में विशाल विरोध सभा का आयोजन किया गया. आज इस प्रदर्शन के जरिये सरकार को बताना चाहते है कि यदि श्रमिको पर अत्याचार होता है या उनका अधिकार छिना जायेगा तो बीएमएम इसका घोर विरोध करेगा. यदि सरकार अपनर नीतियों से पीछे नहीं हटती है तो पुर कोल इंडिया का उत्पादन ठप कर वृहद् आन्दोलन किया जायेगा.