Site icon Monday Morning News Network

श्रमिकों पर प्रहार और दलालों की बहार : चक्रधर सिंह चंचल (ईसीएल काजोड़ा)

ईसीएल के खास काजोड़ा कोलियरी में जो श्रमिक निष्ठापूर्वक कई वर्षों से खास काजोड़ा कोलियरी में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं, अचानक प्रबन्धक ने एक पत्र प्रेषित कर दिया कि आप लोग अपने-अपने मूल पद पर लौट जाएँ अथवा अपने मूल पद को सरेंडर कर दें  अन्यथा प्रबंधन कार्यवाही करने  के लिए  स्वतंत्र है।

दुर्गापूजा के समय प्रबन्धक ने श्रमिकों को दिया झटका

यह पत्र ऐसे समय में आया है जबकि दुर्गापूजा मनाने के लिए श्रमिक तैयारी में जुटे हैं। अचानक दिनांक 21-09-2017 को पत्र प्रेषित कर  सभी को हतप्रभ कर दिया।

इतने वर्षों तक प्रबंधन ने श्रमिकों से अन्य पद पर काम क्यों करवाया ?

कोलियरी एक महारत्न कंपनी है , इसमें बिना प्रबंधन की अनुमति से कुछ भी नहीं हो सकता है। तब बिना प्रबंधन की अनुमति के वर्षों से श्रमिक अपने मूल पद को छोड़कर दूसरे पदों पर कैसे कार्य कर सकते हैं।

सूचि जारी करने में भी पक्षपात, 250 श्रमिकों में केवल 55 को ही नोटिस किया गया

ईसीएल मुख्यालय से लेकर यूनिट स्तर तक श्रमिक अपने मूल पद को छोडकर दूसरे पदों पर बड़े पैमाने पर कार्य कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में सिर्फ खास काजोड़ा कोलियरी में ही ऐसी क्या आफत आ गयी कि मात्र 55 श्रमिकों की ही सूची जारी की गयी जबकि लगभग 250 श्रमिक केवल खास काजोड़ा में ही अपने पद को छोड़कर दूसरे पदों पर कार्यरत हैं।

दलालों पर मेहरबान काजोड़ा प्रबंधन

[irp posts=”2484″ name=”इतने बड़े पैमाने पर कोयले की लूट देखकर आँखें फटी रह जायेगी”]

एचएमएस के काजोरा एरिया जेसीसी सदस्य चक्रधर सिंह चंचल ने  कहा कि उनके पास कम से कम 250 ऐसे लोगों की सूचि है जो अपने पद को छोड़ कर दूसरे पद पर कार्यरत है।  उनमें से ज़्यादातर काम न करके केवल दलाली करके वेतन उठा रहे हैं। यह प्रबंधन की अकर्मण्यता और पक्षपातपूर्ण रवैये को दर्शाता है। जो श्रमिक निष्ठापूर्वक कार्य कर रहे हैं। उनकी सूची जारी कर दी गयी और जो दलाली करके दिन-रात प्रबंधन के आगे पीछे करते रहते हैं उसके तरफ प्रबंधन ने देखा ही नहीं।

चक्रधर सिंह चंचल ने काजोड़ा प्रबंधन के इस पक्षपातपूर्ण रवैये की कड़ी आलोचना की है एवं कहा कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि खास काजोड़ा कोलियरी में श्रमिकों पर प्रबंधन कि ओर से प्रहार हो रहा है और दलालों की बहार है।

 

Last updated: अक्टूबर 16th, 2017 by Pankaj Chandravancee