कोलियरी मजदूर कांग्रेस (हिन्द मजदूर सभा) की पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार 1 नवंबर को ईसीएल मुख्यालय सांकतोड़िया में एक विशाल मजदूर समूह के साथ धरना प्रर्दशन किया गया जिसमें पूरे ईसीएल क्षेत्र से करीब दस हजार श्रमिकों ने हिस्सा लिया। श्रमिकों की भारी भीड़ से कोलियरी मजदूर कांग्रेस में उत्साह का नया संचार हो गया।
दसवें वेतन समझौते के खिलाफ था यह धरना – प्रदर्शन
गौरतलब है कि 10 अक्टूबर को दिल्ली मेें दसवें वेतन बोर्ड को लेकर हुई बैठक में हिन्द मजदूर सभा ने किसी भी समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया था। हिन्द मजदूर सभा श्रमिकों के हितों से जुड़े मामले को पहले सुलझाना चाहते थे। परंतु उस पर कोई भी चर्चा नहीं करते हुए प्रबंधन और अन्य तीन मजदूर संगठनों ने वेतन बोर्ड समझौते को पारित कर दिया। जिसका हिन्द मजदूर सभा ने पूरजोर विरोध किया एवं सभी कोलियरी मुख्यालयों पर आज के दिन 1 नवंबर को विशाल धरना प्रदर्शन की घोषणा की थी।
एस के पांडेय ने चुन-चुन कर गिनाये दसवें वेतन बोर्ड की खामियां
आश्रितों को नौकरी नहीं देने का निर्णय
श्री पांडेय ने बताया कि दसवें वेतन बोर्ड समझौते के तहत अब श्रमिकों की मृत्यु या शारिरिक विकलांगता होने पर उनके आश्रितों को नौकरी नहीं देने की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि यह श्रमिकों के पूरे जीवन पर सबसे बड़ा आघात है। इस नये नियम से अब श्रमिकों का पूरा कार्यकाल असमंजस की स्थिति से गुजरेगा।
रविवार की छुट्टी का रद्द होना
श्री पांडेय ने बताया कि पहले सभी कोलियरी श्रमिकों को रविवार की छुट्टी मिलती थी। इस दिन काम होने पर उन्हें दोगुनी हाजिरी मिलती थी लेकिन नये नियम के तहत अब रविवार की छुट्टी को रद्द कर दिया गया है। अब श्रमिकों को 30 दिन के बजाय 26 दिन का ही वेतन मिलेगा। उन्होंने कहा कि अन्य श्रमिक संगठनों द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि ऐसा नहीं होगा। श्री पांडेय ने उन नेताओं को फटकार लगाते हुए कोयला मंत्री के उस घोषणा का हवाला दिया जिसमें 11 अक्टूबर को कोयला मंत्रालय द्वारा घोषणा किया जाता है कि अब हमारे कोयला मजदूर सांतवे दिन अपने परिवार के साथ बिता सकेंगे।
कोयला मंत्री को लगायी फटकार
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले ही कोयला मंत्री ने कहा कि यदि कोलियरी में नौकरी दी जायेगी तो देश का विकास नहीं होगा। उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि जब सत्ता लेनी थी तब हर साल 1 करोड़ नौकरी देने की बात करते थे और अब सत्ता मिल जाने के बाद नौकरी का विरोध करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान सरकार की दोहरी नीति है। यह मजदूर विरोधी और आम आदमी विरोधी सरकार है।
हायर एंड फायर की नीति ला रही है सरकार
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अब कंपनियों में स्थायी मजदूर की पूरी नीति ही बदलने जा रही है। वह हायर एंड फायर नीति लाने जा रही है जिससे कि आज नौकरी पर रखे मजदूरों को कल निकाला जा सकेगा। कोई स्थायी मजदूर नहीं होगा।
ठेका मजदूरों को नहीं मिलता है उनका हक
2013 के हाई पावर कमिटी के नियम के तहत ठेका मजदूरों को उचित वेतनमान देने की सिफारिश है लेकिन कोलियरी के किसी भी प्रोजेक्ट में ठेका मजदूरों को हाई पावर कमिटी के सिफारिश के तहत उचित पारिश्रमिक नहीं मिलता है।
निजी सुरक्षा गार्ड की पुर्नबहाली करे प्रबंधन
कोलियरी प्रबंधन को निजी सुरक्षा गार्डों की अविलंब पुर्नबहाली करनी होगी अन्यथा कोलियरी मजदूर कांग्रेस उनके हक के लिए भी आंदोलन तेज करेगा। उन्होने कहा यदि निजी सुरक्षा गार्ड के परिवार भूखे मरेंगे तो कोलियरी मजदूर कांग्रेस मूक दर्शक बन कर नहीं बैठेगा।
सभी मजदूर युनियन केन्द्र सरकार के एजेंडे पर काम कर रही है
दसवें वेतनबोर्ड पर हस्ताक्षर करने वाली मजदूर युनियनों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी मजदूर युनियनें केन्द्र सरकार के एजेंडे पर काम कर रही है। इनका एजेंडा है कि कंपनी को इस स्थिति में लेकर जाना है जहाँ किसी श्रमिक के मरने या अपंग होने पर उसके आश्रित कोई नौकरी नहीं दी जायेगी। कोलियरी में जमीन देने वालों को भी कोई नौकरी नहीं दी जायेगी। कोलियरी में स्थायी मजदूर की प्रक्रिया को पूरा समाप्त कर देना चाहते हैं। वे केन्द्र सरकार के हायर एंड फायर नीति को समर्थन कर रहे हैं और उसी को बढ़ावा देना चाह रहे हैं।
‘ एच. एम. एस.’ एक ईंच भी पीछे नहीं हटेगा
उन्होंने कहा कि दसवें वेतन बोर्ड के खिलाफ हमने जो हड़ताल की घोषणा की है आगामी 7 नवंबर को कोलकाता हाई कोर्ट में उसकी सुनवायी है। इसलिये नियमतः वे अभी हड़ताल की दिशा में आगे नहीं बढ़ सकते हैं लेकिन उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और वे मजदूरों के हितों के मुद्दे पर एक ईंच भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने सभी मजदूरों से आह्वान किया कि यदि आप साथ दे ंतो वे मजदूरों के हितों के खिलाफ जितने भी समझौते लिये गये हैं उन्हें वापस लेने के लिए प्रबंधन को मजबूर कर देंगे। उन्होंने कहा कि प्रबंधन उन्होंने कहा कि दसवें वेतन बोर्ड पर हस्ताक्षर करके अन्य युनियनों ने मजदूरों के पीठ पर छूरा घोंपा है।
दसवां वेतन समझौता ऐतिहासिक है लेकिन वह इतिहास के काले पन्ने में दर्ज हुआ है : सबे आलम
कोलियरी मजदूर कांग्रेस के सांगठनिक सचिव सबे आलम ने मजदूरों युनियनों के उन बयानों की निंदा की जिसमें कहा गया कि दसवां वेतन समझौता ऐतिहासिक है। सबे आलम ने कहा कि दसवां वेतन समझौता ऐतिहासिक है लेकिन वह इतिहास के काले पन्ने में दर्ज हुआ है। दसवें वेतन बोर्ड पर हस्ताक्षर करके मजदूरों युनियनों ने हमारे साथ विश्वासघात किया है। कोलियरी के मजदूर उनके विश्वासघात का दंड उन्हें देंगे और ये सभी मजदूरों के साथ विश्वासघात करने वाले सभी मजदूर युनियन इतिहास के काले पन्ने में सिमट जायेंगे।
आज का धरना अगले महासंघर्ष की तैयारी हैः विशुनदेव नोनिया
कोलियरी मजदूर कांग्रेस सांगठनिक सचिव विशुनदेव नोनिया ने कहा कि आज का यह धरना प्रदर्शन आगामी दिनों के महासंघर्ष की तैयारी है। यदि कोलियरी प्रबंधन मजदूर विरोधी फैसले को वापस नहीं लेता है तो आने वाले दिनों में महासंघर्ष किया जायेगा। साथ ही उन्होंने सभी कोलियरी मजदूरों को इस बात से आगाह भी किया कि वे विश्वासघाती मजदूर युनियन के भुलावे में न आये कि दसवां वेतन बोर्ड बहुत अच्छा है। वे स्वयं अनुभव करें कि क्या वाकई यह आपके लिए अच्छा है कि नहीं। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी की आज के धरना कार्यक्रम में हमारा इतना बड़ा पंडाल भी छोटा पड़ गया।
बसों में भर-भर कर करीब दस हजार मजदूर जुटे
पूर्व घोषित कार्यक्रम केे अनुसार ही सुबह 10 बजे से ही सांकतोड़िया स्टेडियम में मजदूरों की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गयी। पूरे ईसीएल क्षेत्र से बसों में भर-भर कर मजदूर जुटने शुरू हो गये। अकेले सांकतोड़िया एरिया से 21 बसों में भरकर मजदूर पहुँचेकार्यक्रम का संचालन झांझरा एरिया सचिव एवं कोलियरी मजदूर कांग्रेस संगठन सचिव सबे आलम ने किया। मंच पर कोलीयरी मजदूर कांग्रेस के महामंत्री एस के पांडेय, अध्यक्ष मोनाजिर हुसैन, उपाध्यक्ष नागेश्वर मोदी संगठन सचिव सबे आलम, विशुनदेव नोनिया, उमेश मिश्रा, आर.पी. मंडल के अलावा सातग्राम एरिया सचिव प्रमोद साव, श्रीपुर एरिया सचिव रमणिमा मण्डल, कनुस्तोरिया एरिया सचिव उदीप सिंह, पांडवेश्वर एरिया सचिव लालटू सिंह, एस.पी.माइंस एरिया सचिव राजेश राय, राजमहल एरिया सचिव ए.के पांडेय, केंदा एरिया सचिव बी.एन कोयरी, काजोड़ा एरिया संयुक्त सचिव चक्रधर सिंह चंचल सहित अन्य गणमान्य नेतागण मौजूद थे