आसनसोल निवासी पश्चिम बंगाल-सिक्किम प्रांत मारवाड़ी युवा मंच के रक्तदान संयोजक अंकित अग्रवाल ने अपने सभी अंग दान करने का निर्णय लिया है और उन्होंने इसके लिए औपचारिक फॉर्म भी भर दिया है।
27 वर्ष की उम्र में लिया यह फैसला
मात्र 27 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने अपने जीवन का इतना बड़ा फैसला लिया जिसे लेने के लिए बड़े से बड़े समाजसेवी भी सौ बार सोंचते हैं। अंकित का जन्म बिहार के बड़हिया में हुआ था उनके पिता स्व0 रघुनाथ प्रसाद अग्रवाल का पुस्तईनी तेल का कारोबार था। वहाँ से निकल कर सपरिवार झारखंड के जामताड़ा चले गए और वहीं कारोबार करने लगे। इसी दौरान अंकित के माता गीता अग्रवाल और पिता रघुनाथ प्रसाद दोनों का देहांत हो गया उस वक्त अंकित की आयु मात्र 16 वर्ष थी । बड़ी बहन सुनीता केडिया की शादी आसनसोल के गल्ला व्यापारी विनोद केडिया से हुयी थी। वहीं पर तब से वे रहते हैं। उनकी एक और बहन भी है जिनकी शादी हो चुकी है।
समाजसेवा में सक्रिय रूप से जुड़े हैं
वर्तमान में अंकित अग्रवाल कपड़े के व्यवसाय से जुड़े हैं और “सुरभि क्रिएशन” के नाम से अपना कारोबार चलाते हैं। कॉलेज के जमाने से ही वे मारवाड़ी युवा मोर्चा से जुड़ गए और तब से बहुत ही सक्रिय रूप से समाज कल्याण कार्य में तल्लीन हैं । इसी वर्ष उन्हें पश्चिम बंगाल-सिक्किम प्रांत मारवाड़ी युवा मंच का रक्तदान संयोजक बनाया गया। रक्तदान के कार्यों में वे बहुत सक्रिय रहते हैं और उनके नेतृत्व में आसनसोल सहित पूरे प० बंगाल में हजारों की संख्या में युवा रक्तदान की मुहिम से जुड़ गए हैं।
यह मिट्टी का शरीर किसी के काम आए यह सौभाग्य की बात
अंकित अग्रवाल ने बताया कि ये शरीर ईश्वर की देन है जबकि जिंदा हूँ समाज कल्याण में लगा रहूँगा और मेरे मरने के बाद भी यदि यह मिट्टी का शरीर किसी के काम आ जाए तो इससे बड़ी सौभाग्य की क्या बात होगी। उन्होंने देश के अन्य युवाओं से भी इस नेक कार्य में आगे आने की अपील की है । उन्होंने अपने दीदी-जीजाजी एवं अन्य सगे संबंधियों का भी आभार प्रकट किया जिन्होने इस नेक कार्य में अपना समर्थन दिया